Friday, August 5, 2011

बढती उम्र: समस्याएँ और समाधान

               महिलाओं में रजोनिवृति या मासिक धर्म  की समाप्ति के साथ ही एक महत्वपूर्ण परिवर्तन शुरू हो जाता है. कुछ महिलाओं में रजोनिवृति अचानक आ जाती है और कुछ में भले ही अचानक न आती हो, किन्तु इस से पूर्व कुछ समय तक मासिक धर्म अनियमित हो सकता है. इस शारीरिक परिवर्तन के फलस्वरूप उस महिला को पर्याप्त नींद नहीं आती. इस के अलावा शरीर में गिरावट, भावनात्मक अस्थिरता एवं चिडचिडापन पैदा हो जाता है.
अभी कुछ दिनों पूर्व एक महिला आई और बोली," डाक्टर साहब, मैं दिन प्रतिदिन मोटी होती जा रही हूँ, चर्बी बढ रही है और सेक्स के प्रति भी उदासीन होती जा रही हूँ." ये सब परिवर्तन भी बढती उम्र और शरीर में 'एस्ट्रोजन' या नारी हारमोन के कम मात्र में उत्पन्न  होने से होते हैं.
इस हारमोन की कमी से उपर्युक्त लक्षणों के अलावा चेहरे पर बाल उगने लगते हैं. छातियों में दर्द रहने लगता है एवं हड्डियों में भी विकार उत्पन्न होने लगते  है. वेसे देखा जाए तो रजोनिवृति कोई हौआ नहीं है, बशर्ते कि स्त्री या इस से भी अधिक उस का पति उस की शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को समझता हो और वह ये मान कर  चले कि मासिक धर्म कि भांति यह भी एक शारीरिक  धर्म है.जिसमे पति के सहारे की बहुत जरूरत होती है .
          अक्सर महिलाएं डाक्टर के पास यह शिकायत ले कर आती है कि उन को रजोनिवृति से तो कोई नुक्सान नहीं है, पर वे अपने शरीर को हर तरह से सुडोल रखना चाहती है.
           निस्संदेह इसी स्त्रियाँ बढती उम्र में भी जवानी का नकाब ओढ़ लेना चाहती हैं. इस के लिए आज कल 'एस्ट्रोजन पुनः स्थापन' चिकित्सा दी जाती है. पर इस चिकित्सा से शरीर में अन्य विकार उत्तपन हो सकते हैं. अतः बेहतर है कि बढती उम्र के इस कटु सत्य को अच्छी  तरह से समझा जाए.
              इस अवस्था में दांतों का गिरना एक आम बात है. इस के अलावा आमाशय एवं आँतों में पाचन रसों कि कमी हो जाती है, जिस के फलस्वरूप पाचन प्रणाली में बाधा पहुचती है और भोजन अच्छी  तरह पच  नहीं पाता. इस के साथ साथ गुर्दों के कार्य में शिथिलता एवं हृदय धमनीय प्रणाली में भी परिवर्तन आ जाते हैं.
ध्यान देने योग्य बातें :
                 यदि बढती उम्र में आहार सम्बन्धी कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो शारीरिक परिवर्तनों को किसी हद तक कम किया जा सकता है. वजन को सामान्य बनाये रखने के लिए बढती उम्र में कैलोरी का उपयोग व्यवस्थित कर लेना चाहिए.
                    मोटी महिलाओं को कैलोरी के उपयोग कि व्यवस्था कुछ इस प्रकार करनी चाहिए कि उन का वजन धीरे धीरे अपेक्षित सामान्य स्तर पर आ जाये.इस अवस्था में प्रोटीन का सेवन चर्बी कि अपेक्षा अधिक करना चाहिए. 
                इस आयु में कैल्सियम का उपयोग प्रायः  कम हो पता है .बहुत सी बड़ी उम्र कि महिलाऐं अपने आहार में दूध को इतना महत्व नहीं देती, अतः वे इस तत्त्व कि कमी से पीड़ित  रहती हैं. हारमोन तथा अन्य तत्वों कि कमी के फलस्वरूप ही बड़ी उम्र कि महिला कि यदि कोई हड्डी टूट जाये तो उस के उपचार में बहुत समय लगता है.
              बड़ी उम्र कि महिलाऐं प्रायः खून कि कमी से पीड़ित  रहती हैं, जो इस बात का सूचक है कि उनके आहार में लौह तत्त्व कि कमी है. इसी स्थिति में उन्हें अधिक मात्र में हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए.
बढती उम्र कि महिलाओं को प्रतिदिन ८ से १० गिलास तरल पदार्थ लेना चाहिए. यदि पर्याप्त तरल पदार्थो का सेवन किया जाये तो गुर्दों से फालतू ठोस पदार्थ निकल जायेगा, जिस से गुर्दे अधिक अची तरह काम कर सकेंगे.अपने को सदा जवान समझिये 
               बहुत सी बड़ी उम्र कि महिलाऐं अपना भोजन अच्छी  तरह नहीं चबा पाती, इसलिए वे अपने आहार में मॉस, मछलियाँ व सब्जियां लेना छोड़ देती है. इसी महिलाओं को अधिक मात्र में फल व दूध का सेवन करना चाहिए.
                     आहार पर ध्यान देने के साथ साथ बढती उम्र कि महिलाओं को अच्छा  जीवन जीने के लिए अपने सामाजिक जीवन एवं मानसिक स्वास्थय  को भी अच्छा रखना चाहिए.उनसे अपने को सदा जवान समझना चाहिए, और जहाँ तक हो सके घरेलु काम काज करते रहना चाहिए.काम धंधे में व्यस्त  रहने से वे मानसिक तनाव से दूर रहती हैं.
बढती उम्र की महिलाओं को समाज कल्याण एवं मनबहलाव के लिए क्लब का सदस्य बन जाना चाहिए, उन्हें अपने घर में भी मनोरंजन की उचित व्यवस्था करने का प्रयत्न करना चाहिए. महिलाओं को सुबह शाम बाहर घूमने भी जाना चाहिए.

                               इन सब बातों को मद्देनज़र रखते हुए बढती उम्र की महिलाओं को अपनी दिनचर्या ,में इस तरह परिवर्तन कर लेना चाहिए जिससे वे जीवन के इस कटु सत्य का आसानी से हंसीखुशी सामना कर सकें .