हँसना स्वास्थ्य के लिए जरूरी है . क्या आपको ज्ञात है , आज की इस भागम भाग की जिन्दगी में हँसना भी एक वजन लगने लगा है . , जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है . खुल कर हंसने से शरीर में रक्त का संचार अधिक होता है , जिसके कारण
शरीर में चुस्ती बनी रहती है . , और शरीर के हर अंग में स्फूर्ती आती है .
हमें जो जीवन ईश्वर ने दिया है , इसकी कीमत का मूल्यांकन करना , किसी के बस की बात नहीं है , परंतू एक कटु सत्य है , कि जिन्दगी एक समतल धरातल के सामान नहीं है ., दुख सुख से भरी हुई , उतर चढाव से भरी हुई जिन्दगी है . जिसे जीनाऔर भोगना ही होगा , चाहे हंस कर या रो कर ...
आप हँसेंगे तो दुनियां भी हँसेगी .दुनियां को अपनी परेशानियों के दुखरे रोयेंगे तो मात्र एक मजाक का पात्र बन जायेंगे . कभी सोचियेगा .,इस युग में कितने ऐसे होंगे , जिन्होंने गिरती दीवार के पास आकर , उसे रोकने का प्रयास किया हो , शायद एक भी नहीं , इसी प्रकार हमारे दुखों को , अगर हम खुल कर हंस लेंगे तो , थोड़ी सी देर के लिए ही शांति प्राप्त करेंगे , और दुखों को भूल जायेंगे , दुखों का रोना , रोते रहने से , यह समाज भी आप के सामने आप का शुभ चिन्तक और बाद में , पीछे से आपकी बुराई करते भी देर नहीं लगाता , तो क्यों न हम आज से ही खुल के हंसने की आदत डाल लें ., वर्ना एक झूठी मुस्कराहट तो चेहरे पर , रख सकतें हैं . फिर देखिये , आप के स्वास्थय पर कितना अनूकुल प्रभाव आएगा .
आप हँसेंगे तो दुनियां भी हँसेगी .दुनियां को अपनी परेशानियों के दुखरे रोयेंगे तो मात्र एक मजाक का पात्र बन जायेंगे . कभी सोचियेगा .,इस युग में कितने ऐसे होंगे , जिन्होंने गिरती दीवार के पास आकर , उसे रोकने का प्रयास किया हो , शायद एक भी नहीं , इसी प्रकार हमारे दुखों को , अगर हम खुल कर हंस लेंगे तो , थोड़ी सी देर के लिए ही शांति प्राप्त करेंगे , और दुखों को भूल जायेंगे , दुखों का रोना , रोते रहने से , यह समाज भी आप के सामने आप का शुभ चिन्तक और बाद में , पीछे से आपकी बुराई करते भी देर नहीं लगाता , तो क्यों न हम आज से ही खुल के हंसने की आदत डाल लें ., वर्ना एक झूठी मुस्कराहट तो चेहरे पर , रख सकतें हैं . फिर देखिये , आप के स्वास्थय पर कितना अनूकुल प्रभाव आएगा .
चलो इसी क्रम में , मैं भी एक धटना सुना दूं . मेरे बड़े भाई साहिब डॉ. जोगा सिंह जी ने कुछ , तस्वीरें भेजी , जो की रोगों से सम्बंधित थीं , पर सचाई में तो वे तस्वीरें काल्पनिक हैं , पर मात्र मुझे , हंसाने के लिए , भाई साहिब ने भेजी थीं ., और उन्हें मैं इसी ब्लॉग में आप के सामने प्रस्तुत कर ..... इसी क्रम में , कहना चाहूँगा कि , खुल कर हंसने से अच्छी दवा संसार में कोई नहीं है . खूब हंसो , खुल कर हंसो ... और निरोगी रहो .