Tuesday, May 24, 2011

हँसना स्वास्थ्य के लिए जरूरी है..........

       हँसना स्वास्थ्य  के लिए जरूरी है . क्या आपको ज्ञात है , आज की इस भागम भाग  की जिन्दगी में हँसना भी एक वजन लगने लगा है . , जो स्वास्थ्य  के लिए हानिकारक है . खुल कर हंसने से शरीर में रक्त का संचार अधिक होता है , जिसके कारण
 शरीर में चुस्ती बनी रहती है . , और  शरीर के हर अंग में स्फूर्ती आती है .
      हमें जो जीवन ईश्वर ने दिया है , इसकी कीमत का मूल्यांकन  करना , किसी के बस की बात नहीं है , परंतू एक कटु सत्य है , कि जिन्दगी एक समतल धरातल के सामान नहीं है .,  दुख सुख से भरी हुई , उतर चढाव से भरी हुई जिन्दगी है . जिसे  जीनाऔर   भोगना  ही होगा , चाहे हंस कर या रो कर ... 
        आप हँसेंगे तो दुनियां भी हँसेगी .दुनियां को अपनी परेशानियों के दुखरे   रोयेंगे तो मात्र एक मजाक का  पात्र बन जायेंगे . कभी सोचियेगा .,इस युग में कितने ऐसे  होंगे , जिन्होंने गिरती दीवार के पास आकर , उसे रोकने का प्रयास किया हो , शायद एक भी नहीं , इसी प्रकार हमारे दुखों को , अगर हम खुल कर हंस लेंगे तो ,  थोड़ी सी देर के लिए ही  शांति प्राप्त करेंगे , और दुखों  को भूल जायेंगे , दुखों का रोना , रोते रहने से , यह समाज भी आप के सामने आप का शुभ   चिन्तक और बाद में , पीछे से आपकी बुराई करते भी देर नहीं लगाता , तो क्यों न हम आज से ही खुल के हंसने की आदत डाल लें ., वर्ना  एक झूठी  मुस्कराहट तो चेहरे पर , रख सकतें हैं . फिर देखिये , आप के स्वास्थय पर कितना अनूकुल प्रभाव आएगा .
         चलो इसी क्रम में , मैं भी एक धटना सुना  दूं . मेरे बड़े भाई साहिब डॉ. जोगा सिंह जी ने कुछ , तस्वीरें भेजी , जो की रोगों से सम्बंधित  थीं , पर सचाई में तो वे  तस्वीरें काल्पनिक हैं , पर मात्र  मुझे , हंसाने के लिए , भाई साहिब ने भेजी  थीं ., और उन्हें मैं इसी ब्लॉग में आप के सामने  प्रस्तुत कर ..... इसी क्रम में , कहना चाहूँगा कि , खुल कर हंसने से अच्छी दवा संसार में कोई नहीं है . खूब हंसो , खुल कर हंसो ... और निरोगी रहो .

7 comments:

डॉ. रमेश बोहरा , जोधपुर said...

डॉ. मुकेश राघव जी , हँसना स्वास्थिया के लिए लाभकारी है , आलेख पढ़ा , काफी जानकारी युक्त लगा , पर आप अपने आप से पूछे , क्या वास्तव में यह संभव है . मुस्कराहट वाली बात से मैं सहमत हूँ , परंतू हर वक्त हँसता रहा तो लोग शायद पागल की संज्ञा दे देंगे , बुरा न मानियेगा , यह मेरे अपने विचार हैं . आलेख के साथ साथ फोटो भी काफी सुंदर हैं . बहुत बहुत धन्यवाद .

मुबारक अली , बीकानेर said...

डॉ. राघव जी , हँसना फायदेमंद है , हर एक जानता है , पर विडम्बना क्या है ? क्यों नहीं हँस पा रहे हम सब ?? जब पेट खली हो तो , हँसना तो क्या मुस्कराहट भी छीन जाती है . पेशे से कलाकार हूँ . दो जून की रोटी ही नसीब हो जाये ,तो ईश्वर का धन्यवाद करते हैं . आप की लेखनी की ताकत जानता हूँ . परन्तूं आप की प्रोफाइल जानने के कारन चुप हैं . चित्रों के लिए डॉ. जोगा सिंह जी को धन्यवाद प्रेषित कर देवें . माफ करना डॉ. साहिब हँस नहीं पा रहा . बुरा न मानियेगा . सादर.

Dr. Mukesh Raghav said...

Thanks to Dr. Bohra Ji and Janab Mubark Ali sahib.

श्रीमती कपिला अग्निहोत्री , ग्वालियर said...

डॉ.राघव , मैं आप के विचारों से सहमत हूँ . कहते भी हैं , हँसना सबसे अच्छी दवा है , परंतू जहाँ तक , जीवन के किसी भी छेत्र में , यदि हम अभावों की जिन्दगी जी रहें हैं , तो हँसना शब्द बहूत दूर की बात हो चुकी है . लिखने और धरातल पर जीवन उतना आसान नहीं है ,
जितना आप सोच रहें हैं . वैसे लेखन के विचारों और चित्रों ने मुझे काफी प्रभावित किया है . ब्लॉग काफी सुंदर है . धन्यवाद

श्रीमती कौटिल्य शर्मा " प्रकाश " said...

डॉ. मुकेश राघव जी , आप के ब्लोग्स देखे , बहूत प्रशन्ता हुई . भगवान से येही दुआ है , आप सलामत रहें और हमें , हंसने वाली सामग्री से अवगत करवाते रहें .
खुश रहें.

Gyan Chand Pahuja said...

Dr. Mukesh Ji, you rightly mentioned in your beautiful blog that laughing is the best Medicine. I will try , as practicability is too difficult. Now sorrounded by responsibilities , it seems to be a dream.
Thanks

Raj Kumar Vyas said...

Dr. Mukesh Ji , Bahut hi jan upyogy samgri ka samavesh kiya ha. Bahut Bahut dhanyavad.